डी आर डी ए के बन्धुवा मजदूरो तुम सबको भेड बकरियो की तरह हॉंक कर 19 दिसम्बर को दिलली ले जाया जायेगा जाओ इसमें निराश व हताश होने की कोई बात नहीं है क्योकि जब संविदा श्रमिको का अखिल भारतीय या राज्य स्तरीय कोई संगठन नहीं है तब हमको दूसरो के साथ मिल कर ही अपनी लडाई लडनी है
अच्छी बात यह है कि श्री साधुराम जी ने अपने डाफट में संविदा कर्मचारियों के लिये भी एक पैरा लिखा है जिसके लिये श्री साधुराम कुशला जी बधाई के पात्र है
अब उन्होने ऐसा क्यों किया ये आप लोग उनसे ही जानकारी लेने की कोशिश करना
कौन कहता है कि आसमान में सुराख हो नहीं सकता
एक पत्थर तो तबीयत से उछाल कर देखो यारो
आपकी ही तरह विवश लेकिन बेजुबान नहीं
बन्धुवा मजदूर
अच्छी बात यह है कि श्री साधुराम जी ने अपने डाफट में संविदा कर्मचारियों के लिये भी एक पैरा लिखा है जिसके लिये श्री साधुराम कुशला जी बधाई के पात्र है
अब उन्होने ऐसा क्यों किया ये आप लोग उनसे ही जानकारी लेने की कोशिश करना
कौन कहता है कि आसमान में सुराख हो नहीं सकता
एक पत्थर तो तबीयत से उछाल कर देखो यारो
आपकी ही तरह विवश लेकिन बेजुबान नहीं
बन्धुवा मजदूर
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