Saturday 1 October 2011

contract labour

सविंदा कार्मिक की जरूरत क्‍यों है

सामान्‍यत सरकार और देश का यह कर्तव्‍य है कि वह अपने निवासियो का रोटी कपडा और मकान की मूलभूत जरूरतों का पूरा करे तथा उनका शारीरिक और मानसिक उत्‍थान में सहायक हो
क्‍या आज हमारे देश में कोई भी सरकार इस दिशा में कार्य करती दिख रही है
उल्‍टे ऐसा प्रतीत होता है कि नई बन्‍धुवा गुलामी की दिशा में हर सरकार और हर कारपोरेट संस्‍थान कार्य कर रहे है
क्‍योकि संविदा कार्मिक से कभी भी पीछा छुडाया जा सकता है और उनको भयभीत करके शोषण किया जा सकता है
अगर सविंदा कार्मिक प्रथा उत्‍तम है तो फिर सरकार को तुरन्‍त प्रभाव से अन्‍य तरह की भर्ती पर रोक लगा देनी चाहिये और केवल और केवल सविंदा प्रथा से ही कार्मिक भर्ती करने चाहिये

हमारी सरकार को याद होना चाहिये कि अग्रेजो का शासन क्‍यो बुरा था
क्‍योकि वो बेगार लेते थे
बाकी सब बेकार की बात है देश के संसाधनो पर पहले अग्रेजो का कब्‍जा था अब किसका कब्‍जा है कम से कम हम सविंदा कार्मिको का तो देश के संसाधनो का कोई हक नहीं है क्‍योकि जब हमारा खुद पर कोई अधिकार नहीं है तो अन्‍य किसी चीज पर हमारा कोई हक है ये सोचना भी नादानी है


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